جمعرات، 2 اکتوبر، 2025

-: दज्जाल विरोधी प्रदर्शन की लहर :-

 -: दज्जाल विरोधी प्रदर्शन की लहर :-



इज़राइली नौसेना की ओर से ग़ज़ा के लिए रवाना होने वाले "असतूल अल-समूद" को रोकने और उसकी कई नौकाओं को अस्दोद बंदरगाह की ओर मोड़ने के बाद यूरोप और अरब दुनिया के विभिन्न शहरों में जन प्रदर्शन शुरू हो गए।


रोम, ब्रुसेल्स, बार्सिलोना, बर्लिन, एथेंस और पेरिस जैसे यूरोपीय राजधानियों में हज़ारों लोग सड़कों पर उतर आए और इज़राइली कार्रवाई को "ग़ैरक़ानूनी और समुद्री डकैती" करार दिया। बार्सिलोना में इज़राइली दूतावास के सामने भी प्रदर्शन किया गया, वहीं इस्तांबुल में बड़े पैमाने पर विरोध मार्च हुआ।


अरब दुनिया में भी ग़ुस्सा देखने को मिला। मॉरिटानिया की राजधानी नुआकशोत में अमेरिकी दूतावास के सामने प्रदर्शन किया गया और ट्यूनीशिया में जनता की भारी संख्या ने इज़राइली हमले के ख़िलाफ़ रैली निकाली।


अल-जज़ीरा के मुताबिक़ इज़राइली नौसेना अब तक तक़रीबन 15 नौकाओं पर क़ब्ज़ा कर चुकी है, जिन पर मानवाधिकार कार्यकर्ता और पत्रकार मौजूद थे। इनमें "अल-जज़ीरा मुباشिर" की संवाददाता हयात अल-यमानी भी शामिल हैं। इज़राइली सूत्रों का कहना है कि बाक़ी नौकाओं पर भी जल्द क़ब्ज़ा कर लिया जाएगा।


यह विरोध लहर इस बात का साफ़ सबूत है कि "असतूल अल-समूद" पर इज़राइली कार्रवाई ने वैश्विक स्तर पर कड़ी प्रतिक्रिया को जन्म दिया है। विभिन्न देशों में इसे ग़ज़ा की मज़लूम जनता के ख़िलाफ़ ज़ुल्म और मानवीय मदद पर हमला क़रार दिया जा रहा है।


दुआ है कि यह जागरूकता और प्रदर्शन और मज़बूती पकड़े ताकि ट्रम्प के ज़रिए दज्जाली साज़िशों को दी जाने वाली फ़ेस-सेविंग की शैतानी कोशिश नाकाम हो।


( मोहम्मद अहमद रज़ा चिश्ती अशरफ़ी)

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